नित्य गीता स्वाध्याय
प्रतिदिन एक श्लोक
श्रीमद्-भगवद्-गीता यथारूप
से
अध्याय एक - कुरुक्षेत्र
के युद्धस्थल में
सैन्यनिरीक्षण
धृष्टकेतुश्चेकितान:
काशिराजश्च वीर्यवान् ।
पुरुजित्कुन्तिभोजश्च
शैब्यश्च नरपुङ्गव: ॥
शब्दार्थ
धृष्टकेतु:
- धृष्टकेतु; चेकितान: - चेकितान; काशिराज:
- काशिराज; च - भी;
वीर्यवान् - अत्यन्त शक्तिशाली; पुरुजित्
- पुरुजित्; कुन्तिभोज: - कुन्तिभोज; च - तथा;
शैब्य: - शैब्य; च - तथा;
नर-पुङ्गव: - मानव
समाज में वीर।
अनुवाद
इनके साथ ही
धृष्टकेतु, चेकितान, काशिराज, पुरुजित्,
कुन्तिभोज तथा शैब्य
जैसे महान शक्तिशाली
योद्धा भी हैं।
स्रोत
"भगवद्-गीता यथारूप"
सम्पूर्ण विश्व में भगवद्-गीता का सर्वाधिक प्रसिद्ध तथा प्रामाणिक संस्करण
✒ लेखक
कृष्णकृपामूर्ति श्री श्रीमद्
ए. सी. भक्तिवेदान्त स्वामी प्रभुपाद
आधुनिक युग में विश्वव्यापक हरे कृष्ण आन्दोलन के प्रणेता तथा वैदिक ज्ञान के अद्वितीय प्रचारक
प्रेषक : वेदान्त-विज्ञानम्
"एवं परम्पराप्राप्तम्"
- गुरु-परम्परा द्वारा प्राप्त परम विज्ञान
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