Sunday, 15 September 2019

गीता स्वाध्याय अध्याय एक - श्लोक 5


नित्य गीता स्वाध्याय

प्रतिदिन एक श्लोक श्रीमद्-भगवद्-गीता यथारूप से

अध्याय एक - कुरुक्षेत्र के युद्धस्थल में सैन्यनिरीक्षण

धृष्टकेतुश्चेकितान: काशिराजश्च वीर्यवान्
पुरुजित्कुन्तिभोजश्च शैब्यश्च नरपुङ्गव:

शब्दार्थ
धृष्टकेतु: - धृष्टकेतु; चेकितान: - चेकितान; काशिराज: - काशिराज; - भी; वीर्यवान् - अत्यन्त शक्तिशाली; पुरुजित् - पुरुजित्; कुन्तिभोज: - कुन्तिभोज; - तथा; शैब्य: - शैब्य; - तथा; नर-पुङ्गव: - मानव समाज में वीर।

अनुवाद
इनके साथ ही धृष्टकेतु, चेकितान, काशिराज, पुरुजित्, कुन्तिभोज तथा शैब्य जैसे महान शक्तिशाली योद्धा भी हैं।

स्रोत
"भगवद्-गीता यथारूप"
सम्पूर्ण विश्व में भगवद्-गीता का सर्वाधिक प्रसिद्ध तथा प्रामाणिक संस्करण

 लेखक
कृष्णकृपामूर्ति श्री श्रीमद्
ए. सी. भक्तिवेदान्त स्वामी प्रभुपाद
आधुनिक युग में विश्वव्यापक हरे कृष्ण आन्दोलन के प्रणेता तथा वैदिक ज्ञान के अद्वितीय प्रचारक
प्रेषक : वेदान्त-विज्ञानम्
"एवं परम्पराप्राप्तम्" - गुरु-परम्परा द्वारा प्राप्त परम विज्ञान


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